अन्नपूर्णा रसोई योजना राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य जरूरतमंद लोगों को सस्ते दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। यह योजना 15 दिसंबर 2016 को शुरू की गई थी।
इस योजना की प्रमुख विशेषताएँ –
1. सस्ता और पौष्टिक भोजन :- जरूरत मंदों को उपलब्ध कराना
नाश्ता:- ₹5 प्रति प्लेट
दोपहर और रात का खाना ₹8 प्रति प्लेट
2. लाभार्थी:-
गरीब और श्रमिक वर्ग
रिक्शा चालक, ऑटो चालक
विद्यार्थी और बेरोजगार युवा
वृद्धजन और असहाय लोग
3. खाद्य सामग्री :-
नाश्ते में पोहा, उपमा, खिचड़ी आदि
भोजन में रोटी, दाल, सब्जी और चावल
4. रसोई वैन :-
मोबाइल वैन के जरिए विभिन्न स्थानों पर भोजन वितरण
नगर निगम और स्थानीय निकायों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
योजना का उद्देश्य :-
गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को कम कीमत पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्देश्य है।
श्रमिकों और निम्न वर्ग के लोगों को भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
समाज में समानता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
हालांकि, बाद में इस योजना को कुछ परिवर्तनों के साथ अन्य योजनाओं में समाहित किया गया था।
राजस्थान सरकार ने 6 जनवरी 2024 को ‘इंदिरा रसोई योजना’ का नाम बदलकर ‘श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना’ कर दिया है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों को सस्ते दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ :-
भोजन की कीमत :- लाभार्थियों को प्रति थाली ₹8 में शुद्ध, ताजा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
भोजन की मात्रा :- प्रति थाली में 300 ग्राम चपाती, 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 100 ग्राम चावल या मिलेट्स (श्री अन्न) खिचड़ी एवं अचार शामिल हैं।
राज्य सरकार का अनुदान :- प्रति थाली ₹22 का अनुदान प्रदान किया जाता है, जिससे भोजन की कुल लागत ₹30 होती है।
रसोईयों की संख्या :- प्रदेश के सभी 240 नगरीय निकायों में 1000 रसोइयों के माध्यम से योजना का संचालन किया जा रहा है, जिससे प्रतिदिन लगभग 2.52 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 9.21 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। आवश्यकता के अनुसार इस संख्या को बढ़ाया भी जा सकता है।
भोजन का समय :- दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 बजे से मध्याह्न 3:00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सांयकाल 5:00 बजे से 9:00 बजे तक उपलब्ध कराया जाता है।
हाल ही में, सरकार ने निर्णय लिया है कि एक व्यक्ति को एक समय में केवल एक ही थाली प्रदान की जाएगी, क्योंकि प्रति थाली 600 ग्राम भोजन एक व्यक्ति के लिए पर्याप्त माना गया है।
इस प्रकार, ‘श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना‘ के माध्यम से राजस्थान सरकार जरूरतमंद नागरिकों को सम्मानपूर्वक सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
‘श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना’ राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के शहरी क्षेत्रों में जरूरतमंद नागरिकों को सस्ती दर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है।
लाभार्थी :- कोई भी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के इस रसोई में भोजन ग्रहण कर सकता है। भोजन के समय किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होती है। यही इस योजना की सबसे बड़ी खुबी है।
भोजन का मेन्यू :- दाल, सब्जी, रोटी, चावल (श्री अन्न) एवं अचार शामिल हैं। जिला स्तरीय समिति स्थानीय आवश्यकतानुसार भोजन के मेन्यू में परिवर्तन कर सकती है।
संचालन :- स्थानीय संस्थाओं के सेवाभाव एवं सहयोग से रसोइयों का संचालन किया जाता है।
वित्तीय प्रावधान :- इस योजना हेतु प्रतिवर्ष ₹250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सहयोग एवं दान :- इस योजना में व्यक्ति, संस्था, कॉर्पोरेट या फर्म आर्थिक सहयोग कर सकते हैं। दान या सहयोग मुख्यमंत्री सहायता कोष अथवा संबंधित जिले की रजिस्टर्ड जिला स्तरीय श्री अन्नपूर्णा रसोई के बैंक खाते में जमा किया जा सकता है। इसके अलावा, कोई भी अपने परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिवस या अन्य किसी भी उपलक्ष्य में दोपहर या रात्रि का भोजन प्रायोजित कर सकता है।
शिकायत निवारण :- यदि भोजन की गुणवत्ता सही नहीं पाई जाती है, तो संबंधित नगरीय निकाय, जिला कलेक्टर को लिखित में शिकायत की जा सकती है अथवा स्वायत शासन विभाग के टोल-फ्री नंबर 18001806127 पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
इस प्रकार, ‘श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना‘ के माध्यम से राजस्थान सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए, और सभी को सम्मानपूर्वक सस्ता एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो सके।
दोस्तों, ऊपर बताई गई अन्नपूर्णा रसोई योजना के बारे में सामान्य जानकारी आपको कैसी लगी हमें काॅमेंट बाक्स में बताना ना भूलें।
धन्यवाद।
k2o2ii
Thank you so much ma’am/sir reading my this article and if you have any queries please contact us on this number 9521165716