प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना – प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना जिसे शोर्ट फार्म में पीएम केसीसी के नाम से जाना जाता है ।
इस योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री के द्वारा की गई जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के किसानों को सस्ती दर पर आसानी से ऋण उपलब्ध कराना है जिससे किसान कम मूल्य पर वित्तीय सहायता प्राप्त कर अच्छी तरह से खेती कर सकते हैं और अपना कारोबार चला सकते हैं।
पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना में एप्लाई एसबीआई बैंक
प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को 300000 तक का ऋण 7% के आसपास ब्याज दर पर दिया जाता है उनसे से अगर किसान ऋण का समय पर रिपेमेंट कर देता है तो उन्हें फाफि छूट मिलती है।
किसान क्रेडिट कार्ड के फायदे और विशेषताएं-
KCC एक रिवॉलविंग कैश क्रेडिट अकाउंट होता है, जिसमें से किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार पैसे निकाल सकते हैं।
केसीसी के माध्यम से किसानों को फसलों की बुवाई, कटाई के बाद के व्यय और कृषि से जुड़े निवेश के लिए पैसे बैंक द्वारा दिया जाता हैं।
केसीसी योजना के द्वारा 1.60 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी कोलैटरल के मिलता है।
जबकि अधिकतम 3.00 लाख रुपये तक का लोन प्राप्त किया जा सकता हैं।
समय पर ऋण की EMI का भुगतान करने वाले किसानों को सरकार के द्वारा ब्याज में छूट प्रदान की जाती है।
भुगतान अवधि फसल की कटाई और व्यापार अवधि पर आधारित होती है जिसके लिए ऋण राशि प्राप्त की गई थी।
स्थायी विकलांगता व मृत्यु पर 50,000 रुपये और अन्य जोखिमों के बदले 25000 रुपये का बीमा दिया जाता है।
भारत के बेस्ट क्रेडिट कार्ड के लिए ऐसे करें आवेदन –
किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज दर
किसान क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें (Kisan Credit Card Interest Rate) एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग अलग हो सकती है। हालांकि सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बैंक, समय पर EMI का भुगतान करने वाले ग्राहकों को ब्याज दरों में काफी छूट प्रदान करती हैं। इसके साथ ही इस योजना पर लगने वाली अन्य फीस व चार्जेस भी एक बैंक से दूसरे बैंक में अलग-अलग हो सकती है। वो बैंक टू बैंक वैरी करता है।
किसान क्रेडिट कार्ड की योग्यता –
किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के आवेदन के लिए निम्न योग्यताओं का होना आवश्यक है –
सभी किसान जो अकेले या अधिक व्यक्ति के साथ मिलकर खेती या खेती से संबंधित कार्य करते हैं।
वे व्यक्ति जो स्वामी सह कृषक हैं।
वे सभी किरायेदार किसान या मौखिक पट्टेदार और कृषि भूमि में बटाईदार भी शामिल हैं।
स्वयं सहायता समूह जिसमें किरायेदार किसान या बटाईदार भी शामिल हैं।
डेयरी किसान जिनके पास शेड हैं/पट्टे हैं/किराए पर है।
ऐसे सभी किसान जो फसल उत्पादन का कार्य करते हैं या उनसे संबंधित गतिविधियों के साथ–साथ गैर–कृषि गतिविधियों के लिए अल्पकालीन ऋण के लिए योग्य हैं।
किसानों को बैंक के क्षेत्र का निवासी होना चाहिए यानी किसान जहां रहता है वहां उस क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली ब्रांच में ही आवेदन करें।
नोट:- किसान 5,000 रुपये और उससे अधिक के उत्पादन के लिए ऋण के लिए योग्य होना चाहिए तभी वह किसान क्रेडिट कार्ड का हकदार हो सकता है। इसके साथ ही किसान को बैंक के ओपरेशन क्षेत्रका निवासी होना अनिवार्य है।
दोस्तों, ऊपर बताई गई प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में जानकारी आपको कैसी लगी हमें काॅमेंट बाक्स में जरूर बताएं।
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